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उत्तर पूर्व दिशा को ईशान, दक्षिण पूर्व को आग्नेय, दक्षिण पश्चिम नैऋत्य को  और दक्षिण पूर्व को वायव्य कोण कहते हैं। घर के मध्य भाग को ब्रह्मस्थान कहते हैं।



पूर्व व उत्तर की खिड़कियां बड़ी तथा दक्षिण व पश्चिम की खिड़कियां छोटी होनी चाहिए।



Living area includes drawing and dining room service area, include kitchen, toilet and garage, sleeping area include bedroom and dressing room.



Trees should be planted at Southwest Direction, and small plants should be planted in northeast region.



House mainly divided into three major areas, on the basis of human activities; living area, sleeping area, and service area.



उत्तर दिशा के मध्य में स्थित मुख्य द्वार धन एवं पूर्व दिशा के मध्य में स्थित मुख्य द्वार यश व कीर्ति देता है।



जिस प्लॉट का अगला भाग बड़ा हो उसे शेर मुखी तथा जिस का पिछला भाग बड़ा हो, उसे गोमुखी कहते हैं। शेर मुखी प्लॉट कमर्शियल कार्यों के लिए और गोमुखी प्लाट आवासीय उद्देश्य के लिए उपयुक्त होता है।



घर के किसी भी स्थान में वस्तु संबंधित समस्या का समाधान किया जा सकता है किंतु उत्तर पूर्व दिशा के टॉयलेट और किचन का कोई समाधान नहीं होता है।



खिड़कियों की संख्या विषम होने पर शुभ मानी जाती हैं। पर याद रहे इनकी संख्या 13 व 17 ना हो।



घर का मुख्य दरवाजा ही वास्तु के अनुसार दिया जाता है। कमरों के दरवाजे जो घर के अंदर ही खुलते हैं, उनके लिए कोई वास्तु  नियम नहीं होते हैं।



खिड़कियों व रोशनदान की संख्या सम या विषम होने का कोई वास्तु दोष नहीं होता।



क्लॉक वाइज सीढ़ियां हमेशा शुभ होती हैं, लेकिन किसी विशेष परिस्थिति में एंटी क्लॉक वाइज सीढ़ियां भी बनाई जा सकती हैं।



शक्ति चक्र का इस्तेमाल घर के वास्तु को देखने के लिए होता है जिसके द्वारा घर की दिशा में तथा एंट्रेंस आदि का ज्ञान होता है। 



घर में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। किसी भी दिशा में रंग उस दिशा के एलिमेंट के अनुसार ही श्रेष्ठ होता है।



सुबह की सूरज की किरणें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। अतः पूर्व मुखी उत्तर मुखी मकान इस दृष्टिकोण से शुभ होते हैं।



जमीन के नीचे की मिट्टी में मौजूद नमी घर की दीवारों में सीलन का कारण बनती है। इसलिए डीपीसी को नजरअंदाज ना करें।



दक्षिण दिशा में मुख्य दरवाजा होना हमेशा अशुभ नहीं होता यदि उसे विशेष पद में लगाया जाए।



खिड़की व रोशनदान किसी भी दिशा में अशुभ नहीं होती है। दक्षिण की खिड़कियां अशुभ मानना एक मिथक है।



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