किचन की अच्छी वास्तु व्यवस्था अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी है । किचन आज के घरों का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो परिवार के सभी लोगों के लिए ऊर्जा का स्त्रोत है। आज कल किचन मॉडर्न तरीकों से बनाया जाता है , ऐसे में बहुत सी मशीने किचन का हिस्सा बन चुकी हैं । गैस चूल्हा , सिंक से लेकर रेफ्रीजिरेटर तक की पोजीशन वास्तु अनुसार हो तो यह एक सकारात्मक प्रभाव पैदा करती है जो की एक स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन के लिए जरुरी है। घर में हर तरह की ऊर्जा का वास होता है, लेकिन रसोई घर का एक ऐसा क्षेत्र है जो सबसे ज्यादा ऊर्जा को आकर्षित करता है।
किचन कहाँ बनायें ? किचन की दिशा को लेकर हमारे मन में काफी सवाल हैं। आइये जानते हैं की किचन के लिए सबसे अच्छी दिशा कोनसी है और उसका कारण क्या है ! वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण - पूर्व दिशा अग्नि की दिशा होती है और किचन भी अग्नि को ही रिप्रेजेंट करता है । अतः किचन के लिए सबसे अच्छी दिशा आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण - पूर्व दिशा ही है। फिर भी यदि दक्षिण - पूर्व दिशा में किचन बनाना संभव न हो सके तो उत्तर - पश्चिम दिशा में भी किचन बनाया जा सकता है , यह दिशा भी किचन के लिए उतनी ही प्रभावशाली होती है क्यूंकि यह दिशा वायु की है और अग्नि का अस्तित्व वायु के बिना संभव नहीं है। इसके आलावा दक्षिण और पश्चिम दिशा में भी किचन बनाया जा सकता है । याद रहे की किचन की दिशा निर्धारित करते समय उसके बर्नर (चूल्हे) की पोजीशन पर ही ध्यान दें।
किचन कहाँ न बनायें ?
घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन का निर्माण कभी नहीं किया जाता है क्योंकि यह परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों को काफी हद तक बर्बाद कर देगा।
किचन में चूल्हे को इस तरह व्यवस्थित करें की वह ब्रह्मस्थान में न आये।
किचन में बाकि उपकरण कहाँ रखें ?
किचन के अंदर की सभी वस्तुएं अग्नि को ही रिप्रेजेंट करती हैं, इसलिए गैस स्टोव, सिलेंडर, माइक्रोवेव ओवन, टोस्टर, अन्य उपकरणों को रसोई के दक्षिण-पूर्व भाग में रखा जाना चाहिए। साथ ही इन वस्तुओं को इस तरह से रखना चाहिए कि खाना बनाते समय व्यक्ति को पूर्व की ओर मुंह करना पड़े। यह सकारात्मक ऊर्जा को बनाये रखेगा । यदि किचन उत्तर - पश्चिम दिशा में स्थित है तो पश्चिम की ऒर मुंह करके भी खाना बनाया जा सकता है ।
रेफ्रीजिरेटर कहाँ रखें ? रेफ्रीजिरेटर को दक्षिणया पश्चिम दिशा में रखें, यह जीवन में आने वाली परेशानियों से निबटने में सहायता करेगा और किचन में एक शांतिपूर्ण माहौल को बनाये रखेगा ।
सिंक की सही पोजीशन क्या है ?
रसोई में सिंक और नल बहते पानी का संकेत देते हैं और उन्हें हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। साथ ही, वास्तु शास्त्र कहता है कि चूल्हे के पास कहीं भी सिंक नहीं रखना चाहिए, क्योंकि पानी और आग विपरीत तत्व हैं और वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
किचन में कलर कोनसा रखें ? किचन की दीवारों का रंग उसकी दिशा के एलिमेंट के अनुसार करवाना चाहिए। किचन काउंटर पर लगे ग्रेनाइट का रंग भी दिशा अनुसार ही रखा जाता है। मुख्यतः हरा , पीला , या लाल रंग का ग्रेनाइट इस्तेमाल किया जाता है। आपको काले रंग के किचन काउंटर टॉप से बचना चाहिए, क्यूंकि काला रंग जल तत्व को रिप्रेजेंट करता है और अग्नि और जल को साथ रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
कुछ अन्य बातें
दक्षिण की ऒर मुंह करके खाना न बनाये , इससे भोजन स्वादिष्ट तो जरूर बनेगा लेकिन यह घरेलु इस्तेमाल के लिए सही नहीं है । दक्षिण की ऒर अक्सर होटल या रेस्टोरेंट में खाना बनाया जाता है ताकि यह स्वादिष्ट बने।
पीने के पानी की व्यवस्था उत्तर पूर्व दिशा की ऒर रखें।
दक्षिण या पश्चिम दिशा में अनाज के डिब्बे, दालें, विभिन्न मसाले, नमक आदि रखें।